भारत सहित पूरी दुनिया में हर वर्ष हजारों फिल्में बनती हैं और उनमें से कई लोकप्रिय भी होती हैं । जब बात आती है किसी फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर सफल होने की तो सिर्फ एक्टर, डायरेक्टर और म्यूजिक की प्रशंसा की जाती है । लेकिन एक फिल्म की शूटिंग से लेकर उसके रिलीज तक एक Cinematographer का बहुत बड़ा योगदान होता है जो Cinematography का कार्य करता है ।
सिनेमेटोग्राफी कहानी को जीवंत करता है और उसे दर्शकों के सामने पेश करता है । न सिर्फ पूरी फिल्म या वीडियो शूट करना बल्कि उसे दर्शकों तक सही रूप में पहुंचाने की जिम्मेदारी भी कमोबेश एक सिनेमेटोग्राफर की होती है ।
लेकिन सिनेमेटोग्राफी क्या होता है ? इसके अंतर्गत क्या क्या आता है ? यह DOP यानि Director of Photography से कैसे अलग है ? ऐसे कई प्रश्नों का उत्तर हम इस आर्टिकल में जानेंगे ।
Cinematography क्या है ?
Cinematography को हिंदी में छायांकन कहते हैं जो फिल्म निर्माण की एक कला है । कैमरा और लाइट के समन्वय से कहानी को कैद करना और दर्शकों के सामने सही रूप में पेश करना ही सिनेमेटोग्राफी है । इसके लिए कैमरा, लेंस, लाइटिंग, फिल्टर आदि की जानकारी आवश्यक होती है ।
छायांकन का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण आप Tumbbad Movie में देख सकते हैं । इसमें कहानी के हिसाब से लाइटिंग, कैमरा एंगल और मूवमेंट का मजेदार समन्वय कुछ इस प्रकार किया गया है कि कई दृश्यों में बिना डायलॉग के आप कहानी को समझ पाते हैं । सिनेमेटोग्राफी का सही मायनों में कार्य ही यही है कि यह डायलॉग की कमी को खलने नहीं देता है ।
Tumbbad फिल्म के माध्यम से इंसानी लालच को बड़ी ही खूबसूरती से दर्शाया गया है । फिल्म के लगभग सभी सीन्स आपको थोड़े dark, gloomy और moody दिखाई देंगे जो फिल्म की कहानी से मेल खाते हैं । । इस फिल्म में फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर Cinematographer पंकज कुमार हैं जिन्होंने Ship of Theseus, Haider, Rangoon और Talvar जैसी फिल्मों में काम किया है ।
Cinematographer क्या होता है ?
Cinematographer को हिंदी में छायाकार कहते हैं जो छायांकन का कार्य करता है । किसी भी फिल्म के हर एक सीन की लाइटिंग, कैमरा एंगल, मूवमेंट और फिल्टर क्या होगा यह सिनेमेटोग्राफर ही तय करता है । ये फिल्म के डायरेक्टर के साथ समन्वय स्थापित करके किसी फिल्म को शूट करते हैं और अंत में इसे अंतिम स्वरूप देकर दर्शकों के सामने पेश करते हैं ।
Cinematography करने के लिए सबसे पहले आपको इसका कोर्स करना जरूरी होता है । इसके लिए आपको किसी फिल्म स्कूल में दाखिला लेना होगा जहां आप सिनेमेटोग्राफी की हर बारीकियां विस्तार से समझेंगे । lighting techniques, film व video production और directing सीखने के बाद आप शुरुआती दौर में आप छोटे रूप में अपना काम शुरू कर सकते हैं ।
भारत सहित पूरी दुनिया में अच्छे छायाकारों की मांग बढ़ती जा रही है । अगर आपके अंदर भी एक सिनेमेटोग्राफर बनने का जुनून है तो आप नीचे दिए Cinematography course colleges में दाखिला ले सकते हैं ।
- Jawahar Lal Nehru University, Delhi
- L. V. Prasad Film and TV Academy, Chennai
- Jahangirabad Institute of Technology, Barabanki
- Bharti Vidyapeeth Deemed University, Pune
- Axis College, Kanpur
- AAFT University of Media & Arts, Raipur
Cinematographer Salary in India
भारत में एक Cinematographer की सैलरी औसतन ₹30,611 रुपए है । ध्यान दें कि यह एक औसतन सैलरी है और यह basic level/entry level salary है । जैसे जैसे आप इस फिल्म में अनुभव प्राप्त करते जायेंगे, आपका portfolio बेहतर होता जायेगा तो आपकी सैलरी भी काफी हद तक बढ़ जायेगी । भारत में एक सिनेमेटोग्राफर महीने के अधिकतम ₹65,000 या उससे अधिक भी कमा सकता है ।
Cinematography courses करने के बाद आपको छोटे मोटे प्रोजेक्ट्स में हाथ लगाना शुरू कर देना चाहिए । इसके अलावा shooting sets पर समय बिताना आपके लिए काफी लाभकारी साबित हो सकता है जहां आप अपनी आंखों से व्यवहारिक रूप से देखेंगे कि शूटिंग कैसे होती है । आप निम्नलिखित प्लेटफॉर्म पर छायाकार की नौकरी ढूंढ सकते हैं:
Cinematography का महत्व
किसी भी फिल्म में सिनेमेटोग्राफी का महत्व उतना है जितना आत्मा का शरीर के साथ । बिना Cinematography के फिल्म का संदेश और इसकी कहानी को दर्शकों तक नहीं पहुंचाया जा सकता है । आपको पता होना चाहिए कि वर्तमान समय में फिल्म मेकर्स फिल्म का एक बड़ा बजट छायांकन पर खर्च करते हैं ।
इसे आसान से उदाहरण से समझते हैं । आपने कई फिल्मों में एक्टर्स को कोई lottery ticket खुरचते देखा होगा । जब वे लॉटरी टिकट खुरच रहे होते हैं तो close-up shot लिया जाता है लेकिन जैसे ही उनकी लॉटरी निकल जाती है और खुशी के मारे चिल्लाते हैं तो तुरंत ही long shot लिया जाता है । ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि एक्टर के चारो तरफ के माहौल को भी खुशनुमान दिखाया जा सके ।
एक अन्य उदाहरण आप फिल्मों में होने वाले bomb blasts को भी ले सकते हैं । जब कोई एक्टर बॉम्ब को डिफ्यूज करने के लिए उसके तार को काटने के लिए आगे बढ़ता है तो close-up shot लिया जाता है, जब वह तार काट रहा होता है तो medium shot लेकिन जब ब्लास्ट होता है तो long shot लिया जाता है । ताकि दूर से ही पता चल सके कि ब्लास्ट हुआ है । इन छोटी छोटी लेकिन महत्वपूर्ण डिटेल्स को सिनेमेटोग्राफर ध्यान में रखते हैं ।
Main Elements of Cinematography
बात करें अगर Main Elements of Cinematography यानि छायांकन के मुख्य तत्वों की तो इनकी संख्या 5 है । चलिए इन पांचों तत्वों के बारे में संक्षेप में समझते हैं ।
1. ISO
अगर आपने कभी फोटोग्राफी की है तो आपको ISO के बारे में पता होगा । आईएसओ को आप प्रकाश के प्रति फिल्म की संवेदनशीलता कह सकते हैं । अगर ISO ज्यादा है तो आपकी तस्वीर या मोशन पिक्चर ज्यादा चमकदार होगी तो वहीं अगर आईएसओ कम है तो आपकी तस्वीर भी कम चमकदार होगी । यानि यह एक कैमरा सेटिंग है जिसकी मदद से आप अपनी तस्वीरों को चमकदार या अंधेरा बना सकती है ।
Cinematography में इसका ज्ञान होना अतिआवश्यक है क्योंकि फिल्म की कहानी और भावना के हिसाब से ही सीन को brightness दिया जायेगा या उसे darken किया जायेगा । इसके अलावा दिन के समय कम ISO का इस्तेमाल जरूरी होता है । छायांकन का यह एक महत्वपूर्ण तत्व है जो फिल्म के overall look पर काफी प्रभाव डालता है ।
2. Shutter speed and frame rate
कैमरा शटर कितनी देर तक खुला रहता है ताकि तस्वीर को प्रकाश के प्रभाव में लाया जा सके, इसे Shutter Speed कहते हैं । अगर शटर स्पीड ज्यादा है तो तस्वीर को काफी कम प्रकाश ही मिल पाता है और अगर यह कम है तो तस्वीर पर प्रकाश का ज्यादा प्रभाव पड़ता है । तस्वीर या मोशन पिक्चर को कितना चमकदार और धुंधला रखना है, यह शटर स्पीड पर निर्भर करता है ।
दूसरी तरफ Frame Rate का अर्थ 1 सेकंड में कितने फ्रेम दिखाई देते हैं, उनका मापन है । इसलिए इसे frames per second भी कहा जाता है । इसका उपयोग फिल्म में realistic feel लाने के लिए और cinematic look देने के लिए किया जाता है । Frame Rate कुछ इस प्रकार हैं:
- 24 fps
- 30 fps
- 50 fps
- 60 fps
- 120 fps
ISO और Shutter Speed and Frame Rate एक्सपोजर की ही कैटेगरी में आते हैं । इनका ज्ञान होना सिनेमेटोग्राफी में अत्यंत महत्वपूर्ण है ।
3. Colour
Cinematography का अगला महत्वपूर्ण तत्व रंग है जो मोशन तस्वीरों में जान डाल देता है । किसी भी सीन के भाव के साथ रंगों का मेल खाना बहुत जरूरी होता है । न सिर्फ ऐक्टर्स/एक्ट्रेस द्वारा पहने गए कपड़े बल्कि पूरा का पूरा पर्यावरण जो कैमरा में कैद किया जा रहा है, उनकी रंगत फिल्म में दिखाए जा रहे सीन के अनुरूप होना जरूरी होता है ।
जब हम Art फिल्मों की बात करते हैं तो ज्यादातर नीले और सफेद रंग का इस्तेमाल किया जाता है । इसके विपरित जब sci fi फिल्मों की बारी आती है तो ढेर सारे रंगों का मिश्रण तैयार किया जाता है और उनका contrast भी ज्यादा होता है ।
4. Camera Angles
Camera Angles का सीधा अर्थ ऐसी जगह है जहां से कोई सीन फिल्माया जाने वाला है । आप हर फिल्म, सीरियल, यूट्यूब वीडियो में देखते होंगे कि किसी दृश्य को अलग अलग एंगल से शूट किया जाता है और इसका Cinematography में बहुत महत्व है । Drone Shot और Helicopter Shot आदि भी आज के समय में आम बात हो गया है जिनकी मदद से अलग अलग कोणों से फिल्म शूट किया जाता है ।
उदाहरण के तौर पर eye level shot की मदद से किसी सीन में एक्टर के कंधे के तुरंत नीचे या कंधे के बर्बर कैमरा को रखा जाता है । यह एक realistic look देता है और साथ ही emotional scenes में यह शॉट काफी कारगर होता है । सही कैमरा एंगल का होना फिल्म के संदेश और भावना को सही रूप में दर्शकों तक पहुंचा पाता है ।
5. Camera Movement
किसी भी फिल्म में सिर्फ और सिर्फ ऐक्टर्स ही नहीं गतिशील भी होते हैं बल्कि जरूरत पड़ने पर कैमरा को भी गतिशील होना पड़ता है । Cinematography के लिए एक सिनेमेटोग्राफर डायरेक्टर के साथ मिलकर यह तय करता है कि कैमरा मूवमेंट जरूरी है या नहीं । कई बार कैमरा को एक ही जगह पर रखकर अलग अलग शॉट्स लिए जा सकते हैं ।
लेकिन ज्यादातर सीन को फिल्माने के लिए कैमरा मूवमेंट जरूरी हो जाता है । कैमरा मूवमेंट के साथ ही color, camera angles और exposure को भी बदलना पड़ता है । अगर आपने Dhoom फिल्म के किसी भी भाग को देखा है तो आपने पाया होगा कि इनमें ज्यादातर भागभग और एक्शन सीन्स हैं । ऐसे सीन को फिल्माने के लिए कैमरा मूवमेंट बहुत जरूरी हो जाता है ।
6. Composition
सबसे अंत में आता है Composition जो किसी भी फिल्म या सीन में दिखाए गए objects या actors को सही फ्रेम में रखने में मदद करता है । किसी सीन में अलग अलग तत्वों को किस प्रकार से एक फ्रेम में कैद किया जाता है, वह composition का हिस्सा है ।
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कंपोजिशन में अलग अलग नियमों का अनुसरण किया जाता है । कैमरा शॉट को अलग अलग हिस्सों में बांटा जाता है ताकि कहानी या सीन के भावना के अनुरूप फिल्माया जा सके । कंपोजिशन में आंखों को भी काफी महत्व दिया जाता है और इनके हिसाब से शॉट लिया जाता है । सही कंपोजिशन फिल्म के look & feel को बेहतर बनाता है ।
Best Cinematography Movies in Hindi
भारत सहित पूरी दुनिया में एक से बढ़कर एक Cinematography rich movies बनाई गईं हैं । देखा जाए तो Hollywood movies में छायांकन सबसे उम्दा होता है बॉलीवुड फिल्मों के मुकाबले । लेकिन भारतीय फिल्मों में भी हमें कुछ ऐसी फिल्में दिखाई देती हैं जिनमें छायांकन लाजवाब है । चलिए देखते हैं कि ये फिल्में कौन कौन सी हैं ।
- Tumbbad
- Barfi!
- Zindagi Milegi Na Dobara
- Baajirao Mastani
- Sholay
- Raavan
- Gangs of Wasseypur
इनमें खासतौर पर आपको Tumbbad, Barfi और Gangs of Wasseypur देखनी चाहिए जिसमें बेहतरीन सिनेमेटोग्राफी होने के साथ ही इनकी कहानी भी बेहतरीन है ।
Conclusion
वर्तमान समय में फिल्म मेकर्स अपने फिल्म बजट का एक बड़ा हिस्सा Cinematography पर खर्च करते हैं । इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इसकी मदद से फिल्म दर्शकों के साथ बिना कोई अतिरिक्त प्रयास के संबंध स्थापित कर लेती है । छायांकन दर्शकों तक फिल्म का संदेश और मूल भावना को आसानी से पहुंचा पाती है ।
फिल्म में दिखाया गया हर सीन सिनेमेटोग्राफी की ही देन होती है । आप भी अगर एक Cinematographer बनना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको इसका कोर्स करना होगा । इसके बाद आप online platforms या connections की मदद से अपने लिए काम ढूंढ सकते हैं । आशा है कि आपको Cinematography meaning in Hindi के साथ ही अन्य संबद्ध बिंदुओं पर जानकारी समझ आई होगी ।
हमें उम्मीद है कि आपको ऊपर दी गई जानकारी पसंद आई होगी । अगर आपके मन में आर्टिकल से सम्बन्धित कोई भी प्रश्न है या आप अपनी राय/विचार व्यक्त करना चाहते हैं तो कॉमेंट बॉक्स में आपका स्वागत है । आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे शेयर अवश्य करें ।
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