अरस्तू ने Acting यानि अभिनय को परिभाषित करते हुए कहा है कि विभिन्न भावनाओं को व्यक्त करने के लिए आवाज का सही प्रबंधन ही एक्टिंग है । अभिनय एक कला है जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति/वस्तु के किरदार को निभाने का कार्य करता है । अभिनय दर्शकों को आकर्षित करने और उनकी भावनाओं को उत्तेजित करने का बेहतरीन जरिया है ।
सिद्धार्थ मल्होत्रा ने Biopic Film Shershah में विक्रम बत्रा के किरदार को निभाया है । उनके द्वारा किया गया अभिनय इतना वास्तविक और प्राकृतिक लगता है कि जैसे मानों सिद्धार्थ मल्होत्रा ही विक्रम बत्रा हों । उन्होंने विक्रम बत्रा के शौर्य और साहस को दर्शकों के सामने कुछ इस प्रकार रखा है कि लोग आंखों में आसूं लिए तालियां पीटने लगते हैं । बस यही है Acting, जिसके बारे में हम विस्तार से समझेंगे ।
Acting क्या है ?
Acting यानि अभिनय एक कला है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के जीवन को निश्चित या निर्धारित समय तक जीता है । कहा जा सकता है कि अभिनय एक ऐसी गतिविधि है जिसमें एक अभिनेता या अभिनेत्री द्वारा अपने अभिनय के माध्यम से किसी अन्य चरित्र या किरदार की कहानी सुनाई जाती है ।
जरूरी नहीं कि एक्टिंग सिर्फ और सिर्फ फिल्मों में ही संभव है । थिएटर, टेलीविजन, रेडियो जैसे अन्य कई माध्यमों पर भी Acting की जाती है । टीवी सीरियल अनुपमा में अनुपमा के किरदार में रूपाली गांगुली हों या मर्दानी 2 फिल्म में शिव प्रसाद यादव के किरदार में विशाल जेठवा, सभी किसी न किसी की एक्टिंग ही कर रहे हैं ।
Actor कौन होता है ?
Actor वे व्यक्ति होते हैं जो किसी अन्य व्यक्ति के किरदार को निभाते हैं और उनकी कहानियों को दर्शकों के समाने रखते हैं । सरल शब्दों में कहें तो जो एक्टिंग करता है उसे एक्टर कहते हैं । उदाहरण के तौर पर राजपाल यादव, शाहिद कपूर, अनुपम खेर, दिव्यांका त्रिपाठी, हिना खान, अंकिता लोखंडे, चंदन रॉय, फैजल मलिक आदि अभिनेता/अभिनेत्री ही हैं ।
एक एक्टर यानि अभिनेता का कार्य किसी किरदार के जीवन का चित्रण करना है और दर्शकों को उसकी कहानी सुनानी है । एक्टर वही होता है जो किरदार को लोगों के सामने जीवंत कर दे, दर्शकों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर सके और कहानी को रोचक बना सके ।
एक अभिनेता का काम बिल्कुल भी आसान नहीं होता है क्योंकि उसे दर्शकों के सामने अलग अलग भावनाओं का चित्रण करना और किसी दूसरे व्यक्ति की कहानी को सुनाना होता है । नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे महान अभिनेताओं ने कई इंटरव्यू में खुलासा किया है कि किसी किरदार के जीवन को बड़े पर्दे पर उतारने से पहले वे खुद उस किरदार को जीने और उसके बारे में रिसर्च करते हैं ।
Types of Acting in Hindi
Acting यानि अभिनय के मुख्य रूप से कुल 5 प्रकार हैं । अगर आप एक अभिनेता/अभिनेत्री बनने की चाहत रखते हैं या विस्तार से अभिनय के क्षेत्र को समझना चाहते हैं तो आपको Types of Acting के बारे में अवश्य पता होना चाहिए । अभिनय के प्रकार को हमने आपको आसान भाषा में उदाहरण के माध्यम से समझाया है ।
1. Method Acting
Method Acting को हिंदी में विधि अभिनय कहा जाता है । इस प्रकार के अभिनय में कोई अभिनेता/अभिनेत्री किसी किरदार की भूमिका को भावनात्मक रूप से पेश करते हैं । यह अभिनय कुछ इस प्रकार किया जाता है कि दर्शक किरदार की दुनिया और उसके जीवन में पूरी तरह से खो जाते हैं । मैथड एक्टिंग पूरी तरह से Emotion-Oriented होते हैं ।
कई फिल्में ऐसी बनाई ही जाती हैं जिनमें एक अभिनेता को किरदार का चोला पहनना पड़ता है । इन फिल्मों में अभिनेता की जिम्मेदारी रहती है कि वह किरदार के जीवन का कुछ इस तरह चित्रण करे कि लोग असली किरदार को भूलकर अभिनेता को याद रखें । उदाहरण के तौर पर आप फिल्म Sarbjit को ले सकते हैं ।
फिल्म में रणदीप हुडा ने सरबजीत सिंह के किरदार को कुछ इस कदर निभाया है जैसे लगता है कि वे खुद ही सरबजीत सिंह ही हों । फिल्म में किरदार के जीवन का चित्रण करने के लिए उन्होंने 1 महीने में लगभग 18 किलो वजन कम किया । अगर आप फिल्म देखेंगे तो समझ जायेंगे कि फिल्म में उनकी Method Acting कितनी बेहतरीन थी ।
2. Classical Acting
Method Acting के ठीक विपरीत Classical Acting होती है जिसमें भावनाओं से ज्यादा Action पर ध्यान दिया जाता है । इसमें शरीर की अभिव्यक्ति, आवाज, कल्पना, बाहरी उत्तेजना जैसी चीजों पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है । इस प्रकार के एक्टिंग में एक्टर को अपनी भूमिका को प्रभावी ढंग से चित्रित करने के लिए अपने शरीर का उपयोग करना पड़ता है ।
जहां Method Acting में अभिनेता को अलग से ट्रेन नहीं किया जाता है बल्कि वे अपने खुद के अनुभवों को किरदार से जोड़कर अभिनय करते हैं । लेकिन दूसरी तरफ Classical Acting में एक एक्टर को Proper Training दी जाती है ताकि वह किरदार की ही तरह हाव भाव, भाषा और शरीर की बनावट जैसा दिखाई दे ।
3. Meisner Acting
Meisner Acting अभिनय का एक ऐसा प्रकार है जिसमें एक एक्टर खुद से ज्यादा किसी अन्य एक्टर पर गौर करता है । इससे उन्हें अभिनय करने में आसानी रहती है और वे एक दूसरे को देखकर आसानी से अभिनय कर पाते हैं । इस प्रकार के एक्टिंग में तीन चीजें मुख्य रूप से आती हैं:
- Emotional Preparation
- Repetition
- Improvisation
इस प्रकार के एक्टिंग में एक्टर खुद को छोड़कर अन्य एक्टर या घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करता है । इसमें repetition काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि एक्टर्स एक ही लाइन को बार बार दूसरे एक्टर्स के सामने बोलते हैं ताकि अंत में अभिनय करते समय यह ज्यादा प्राकृतिक और वास्तविक लगे ।
4. Spolin Method
Spolin Method का मुख्य मकसद Actors को वर्तमान समय से बांध कर रखना है । इसके साथ ही इस मैथड की मदद से अभिनेता अपने सीन पार्टनर के साथ Acting और Character Development कर सकते हैं । यह एक ऐसा तरीका है जिसकी मदद से अभिनेता अपर संभावनाओं को एक्सप्लोर करते हैं और On Stage Performance को दूर कर पाते हैं ।
Spolin Acting Method में अभिनेताओं को किसी एकल तत्व पर पूरा ध्यान केंद्रित करना होता है । यह एक मात्र ऐसा अभिनय का तकनीकी है जिसकी मदद से अभिनेता खुद को समझ पाते हैं, अपनी क्षमताओं को विकसित कर पाते हैं और एक्टिंग की दुनिया को ज्यादा गहराई से समझ पाते हैं ।
5. Chekhov Acting Method
Chekhov के अनुसार अभिनेता का काम एक आंतरिक घटना बनाना है जो वास्तविक समय में अभिनेता के भीतर होने वाला एक वास्तविक अनुभव है । उन्होंने ही इस टेक्निक को विकसित किया ताकि एक्टर्स उस किरदार को ढूंढ सकें जिसमें वे खुद को सबसे सहज और उम्दा पाते हैं ।
Chekhov Acting Method भी कई मायनों में Spolin Method से मेल खाता है क्योंकि चोखव एक्टिंग मैथड भी एक्टर के अवचेतन मन को टटोलने और उन्हें वैश्विक मनुष्यता की समझ प्रदान करने के लिए विकसित किया गया था । इस तकनीक का मुख्य तर्क यह है कि अभिनेता अपने किरदारों को बांध कर न रखें बल्कि उन्हें नए आयाम प्रदान करें ।
Film Acting और Theatre Acting में अंतर
अगर आप Acting की दुनिया में कदम रखना चाहते हैं तो आपको Film Acting और Theatre के बीच अंतर करने आना चाहिए । चलिए आसान भाषा में उदाहरण के साथ समझते हैं कि फिल्म एक्टिंग और थिएटर में क्या अंतर है ।
1. Film Acting और Theatre में सबसे बड़ा अंतर चेहरे के भाव और शारीरिक हावभाव को लेकर के है । थिएटर में स्टेज दर्शकों से थोड़ी दूरी पर बनाया जाता है जहां दूर दूर तक दर्शक अभिनेता/अभिनेत्री के अभिनय को देखने के लिए बैठे होते हैं । इस परिस्थिति में एक्टर को अपने चेहरे और शारीरिक हावभाव को बढ़ा चढ़ाकर दिखाना पड़ता है । लेकिन फिल्म में ऐसा करने की जरूरत नहीं होती है ।
2. Theatre करते समय अभिनेता के पास मात्र एक ही मौका होता है कि वह अपने अभिनय से दर्शकों का मन मोह ले । लेकिन यह बंदिश फिल्मों में अभिनय करने वालों के साथ नहीं है । फिल्म के एक सीन को तैयार करने के लिए कई कई बार शूटिंग की जाती है ।
3. Theatre में Acting Live चलती है यानि किसी गलती या समस्या का वहां कोई स्थान नहीं है । लेकिन फिल्में बनाते समय लाइव जैसा कुछ नहीं होता है । अगर कोई एक्टर अपनी लाइन भूल भी जाता है तो उसे स्क्रिप्ट देकर दोबारा शूटिंग की जा सकती है ।
4. Theatre में अभिनेता को एक किरदार निभाने के लिए काफी समय तक मेहनत करनी पड़ती है । इसके अलावा उन्हें लाइन दर लाइन सारे संवाद याद करने पड़ते हैं । इसके ठीक विपरीत, फिल्मों में किसी किरदार को पर्दे पर उतारने के लिए कम मशक्कत करनी पड़ती है । अगर अभिनेता/अभिनेत्री संवाद भूल भी जाएं तो कोई खास दिक्कत नहीं होती है ।
Acting कैसे सीखें ?
अगर Acting Career ही आपका सपना है तो सबसे पहले आपको इसे सीखना होगा । आप घर बैठे भी एक्टिंग सिख सकते हैं या किसी फिल्म स्कूल में एडमिशन लेकर भी अपने सपनों की उड़ान भर सकते हैं । आप निम्नलिखित उपायों से एक्टिंग सिख सकते हैं:
1. सबसे पहले जानकारी प्राप्त करें
आप जिस भी फील्ड में जाने के इच्छुक हैं, आपको पहले उस क्षेत्र से जुड़ी हर जरूरी जानकारियां प्राप्त कर लेनी चाहिए । इंटरनेट पर हजारों की संख्या में सामग्रियां आपको आसानी से मिल जायेंगी जिन्हें आप देख पढ़ कर एक्टिंग के बारे में काफी कुछ सिख सकते हैं । नीचे कुछ Websites और Channels की जानकारी आपको दी जा रही है जहां से आप एक्टिंग के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं:
आपको सबसे पहले ऊपर दिए वेबसाइट/चैनल की मदद से एक्टिंग के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठी कर लेनी चाहिए । इस तरह आप आसानी से इस क्षेत्र में कदम रख सकते हैं ।
2. Online Acting Course करें
अगर आप घर बैठे Acting सीखना चाहते हैं तो आपको Online Acting Course जरूर करना चाहिए । सबसे अच्छी बात यह कि आप घर बैठे बिल्कुल मुफ्त में एक्टिंग सिख सकते हैं । नीचे दिए गए प्लेटफॉर्म पर जाकर आप कोर्स के लिए Sign up कर सकते हैं ।
- Shawacademy Online Acting Classes
- Skillshare Free Acting Course
- Alison Acting Course
- Classcentral Course
इसके अलावा आप चाहें तो एक्टिंग के Paid Course भी कर सकते हैं । ऑनलाइन कई एक्टिंग कोर्स हैं जिनपर अगर आप रूपए खर्च करते हैं तो आपको बिल्कुल भी पछतावा नहीं होगा ।
3. Acting School ज्वाइन करें
अभिनय सीखने के लिए सबसे बढ़िया विकल्प है Acting School में एडमिशन लेने का । भारत में कई ऐसे संस्थान हैं जहां एक्टिंग सिखाई जाती है । आपको सबसे पहले इन एक्टिंग स्कूल में अपना दाखिला कराना होगा और पूर्वनिर्धारित फीस जमा करके आप सीखने की यात्रा शुरू कर सकते हैं । कुछ बेहतरीन एक्टिंग स्कूल जिनमें आप दाखिला ले सकते हैं:
अगर आप भारत के सबसे बड़े एक्टिंग और फिल्म मेकिंग संस्थान में दाखिला लेना चाहते हैं तो National School of Drama आपके लिए एक अच्छा विकल्प है । यहां दाखिला लेना थोड़ा मुश्किल जरूर है लेकिन अगर आप इस संस्थान से शिक्षा लेकर निकलेंगे तो आपको एक्टिंग की दुनिया में अवश्य फायदा मिलेगा । सबसे अच्छी बात यह है कि आपको यहां से शिक्षा प्राप्त करने के लिए कम ही फीस देनी होगी ।
Best Acting Tips in Hindi
Acting सीखने और अभिनेता बनने के इच्छुक लोगों के लिए नीचे कुछ Best Acting Tips in Hindi दिए जा रहे हैं । ये टिप्स देश दुनिया के बड़े बड़े अभिनेताओं और फिल्म डायरेक्टर से लिए गए हैं जिन्हें आप भी अपना सकते हैं । उम्मीद है कि ये एक्टिंग टिप्स आपकी मदद करेंगे:
- सीखना कभी बंद न करें, हमेशा एक्टिंग के बारे में कुछ न कुछ सीखते रहें
- चुनौती भरे किरदार निभाने की हिम्मत रखें
- कैमरा और आईने के सामने एक्टिंग की अभ्यास करें
- फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के साथ नेटवर्किंग करें
- स्क्रिप्ट को अच्छे से पढ़ें
- हर किरदार के साथ खुद को बेहतर करते जाएं
- कभी भी आत्मसम्मान न खोएं
- दूसरों को समझने की तकनीक विकसित करें
- कभी भी हिम्मत न हारें, असफलता से न डरें
Conclusion
Acting यानि अभिनय किसी फिल्म या नाटक में प्रदर्शन करना है । यह एक ऐसी कला है जिसमें अभिनेता या अभिनेत्री किसी किरदार के जीवन को बड़े पर्दे पर उतारते हैं । अगर आप एक एक्टर बनना चाहते हैं तो आपको कभी भी हिम्मत नहीं हारना चाहिए और हमेशा सीखना चाहिए ।
- Mono Acting in Hindi
- How to Write Dialogues in Hindi
- Prologue in Movies in Hindi
- Foreshadowing in Movies in Hindi
- Cinematography क्या है
- Screenplay क्या है
- Screenwriting क्या है
अगर आप किसी भी फिल्म इंडस्ट्री में अपना नाम बनाना चाहते हैं तो आपको Connections बनाने होंगे । फिल्म इंडस्ट्री में बढ़िया नेटवर्किंग ही आपको काम दिला सकता है । अगर आपकी शुरुआत छोटी हो तो कभी भी निराश न हों, भविष्य के बक्से में आपके लिए काफी कुछ है ।
हमें उम्मीद है कि आपको ऊपर दी गई जानकारी पसंद आई होगी । अगर आपके मन में आर्टिकल से सम्बन्धित कोई भी प्रश्न है या आप अपनी राय/विचार व्यक्त करना चाहते हैं तो कॉमेंट बॉक्स में आपका स्वागत है । आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे शेयर अवश्य करें ।
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