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    Home»Knowledge bank»How to Write Movie Dialogue in Hindi – फिल्मों के डायलॉग कैसे लिखें ?
    How to Write Dialogue in Hindi

    How to Write Movie Dialogue in Hindi – फिल्मों के डायलॉग कैसे लिखें ?

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    By John on July 27, 2022 Knowledge bank

    किसी भी कहानी, नाटक या फिल्म में डायलॉग सबसे महत्वपूर्ण योगदान देते हैं । गौर करें तो बेहतरीन डायलॉग की ही वजह से कई फिल्में चर्चा में आती हैं और अच्छी खासी कमाई कर लेती हैं । ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि ऐसे संवाद लिखे जाएं जो दर्शकों पर अपना प्रभाव छोड़ सके । Dialogue Writing के इस लेख में इसी विषय पर जानकारी दी जायेगी ।

    संवाद किसी भी कहानी में जान डाल देते हैं और विभिन्न किरदारों के चरित्र चित्रण में भी सहायक होते हैं । इसके साथ ही ज्यादातर उन्हीं कहानियों को पसंद किया जाता है जिनमें उचित मात्रा में संवाद हों । लंका दहन और कालिया मर्दन जैसी फिल्में आज के समय में बिल्कुल भी नहीं चलेंगी जिनमें संवाद तो क्या कोई आवाज तक न थी ।

    आप चाहे एक छात्र हों या एक पटकथा लेखक, आपके लिए यह लेख सहायक साबित होगा । आप विस्तार से निम्नलिखित बिंदुओं पर जानकारी प्राप्त करेंगे ।

    • संवाद लेखन क्या है ?
    • संवाद कैसे लिखें ?
    • संवाद लेखन का उदाहरण
    • Best Dialogue Movies

    Dialogue Writing क्या है ?

    किसी कहानी, नाटक या फिल्म में मौजूद दो या दो से अधिक संवादों के बीच वार्तालाप को संवाद कहते हैं जबकि इन्हें लिखने की प्रक्रिया को संवाद लेखन या Dialogue Writing कहा जाता है । इसकी मदद से दो या दो से अधिक किरदारों के बीच संबंध स्थापित किया जाता है और उनका चरित्र चित्रण किया जाता है ।

    उदाहरण के तौर पर आप निम्नलिखित डायलॉग को नीचे पढ़ सकते हैं ।

    1. “तिरंगा लहरा कर आऊंगा नहीं तो उसमें लिपट कर आऊंगा, लेकिन आऊंगा जरूर ।”

    2. “ये हिंदुस्तान अब चुप नहीं बैठेगा… ये नया हिंदुस्तान है, यह घर में घुसेगा भी और मारेगा भी ।”

    3. “वतन के आगे कुछ नहीं..कुछ भी नहीं!”

    इन संवादों को पढ़ कर आपने अवश्य रोमांचित महसूस किया होगा । इसके साथ ही ये सभी डायलॉग देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत हैं । बस यही काम है संवादों का, वे न सिर्फ कहानी को रोचक बनाते हैं बल्कि अपने चरित्र की भी जानकारी दर्शकों के सामने रखते हैं । इसलिए किसी भी तरह के लेखक के रूप में सफल होने के लिए संवाद को प्रभावी ढंग से लिखना एक महत्वपूर्ण हिस्सा है ।

    How to Write Dialogue in Hindi

    अगर आप किसी फिल्म, नाटक या कहानी के लिए Dialogue Writing का कार्य करना चाहते हैं या एक छात्र के रूप में संवाद लेखन प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहते हैं, तो आपके लिए नीचे दिए गए नियम महत्वपूर्ण साबित होंगे । संवाद लेखन एक कला है और इस कला में महारत हासिल करने के लिए आपको निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना होगा ।

    1. गैरजरूरी शब्दों को लिखने से बचें

    संवाद लेखन करते समय फालतू के संवादों को जोड़ने से आपका बचना चाहिए । कहानी, कविता, नाटक, निबंध आदि कुछ भी लिखते समय गैरजरूरी शब्दों को जोड़ने से बचना ही लेखन का सबसे पहला नियम है । जहां एक तरफ रोचक संवाद कहानी को भी रोचक बनाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ संवाद में गैरजरूरी शब्दों का उपयोग कहानी को उबाऊ बनाता है ।

    आपके किरदारों द्वारा कही गई हर बात का कोई अर्थ निकलना चाहिए । संवाद ऐसे होने चाहिए जो कहानी को दिशा दें, पात्रों का चरित्र चित्रण करें और कहानी को मूल भावना से संबंध रखते हों ।

    2. कठिन और अप्रचलित शब्दों का उपयोग न करें

    Dialogue Writing करते समय आपको कठिन और अप्रचलित शब्दों का उपयोग करने से बचना चाहिए । संवाद लेखन करते समय भाषा के गहरे ज्ञान का प्रदर्शन करने की कोई आवश्यकता नहीं है । आपके शब्द सरल, सहज और रोचक होने चाहिए । संवाद ऐसे हों जिनसे दर्शक या पाठक जुड़ाव महसूस कर सके, जिससे कहानी रोचक बने ।

    क्या आपने पंचायत वेब सीरीज का कोई भी पार्ट देखा है ? सरल और सहज संवादों से सुसज्जित पूरी वेब सीरीज दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़ती है । कुछ उदाहरण देखिए:

    1. “6 बजे पूरा गांव उठ के बैठ जायेगा, तो 9 बजे दोपहर ही लगेगा ना ।”

    2. “चक्का वाला कुरसी पर बैठ कर हर आदमी अपने आप को बड़ा समझने ही लगता है ।”

    3. प्रधान: “दरवाजा तोड़ने के लिए कौन कहा रे ?” विकास: “तोड़ तो दरवाजा रहे थे, दरवाजा से मजबूत तो ताला निकला ।”

    3. संवाद के पहले भावनाओं को अंकित करें

    Screenwriter या Dialogue Writer की ही यह जिम्मेदारी होती है कि वह लिखित रूप में दे कि किस डायलॉग को बोलते समय किरदार को कैसी भावनाएं दर्शानी है । इसलिए संवाद लिखने से पहले किरदार के नाम के आगे एक कोष्ठक बनाएं । उस कोष्ठक में उस भावना का नाम लिखें जिसे संवाद बोलते समय दर्शाना है । उदाहरण के लिए आप नीचे दिए संवादों की मदद ले सकते हैं ।

    1. असीमा: (डरते हुए) मैडम मैंने होमवर्क पूरा कर लिया था लेकिन कॉपी घर पर छूट गई ।

    2. रोहन: (प्यार से) तुम्हारे हाथों से बने खाने का स्वाद ही कुछ और है ।

    3. कृति: (हंसते हुए) हाथी के दांत दिखाने के लिए अलग और खाने के लिए अलग होते हैं, समझी सहेली जी ।

    ऐसा करने से अभिनेताओं या किरदारों को संवाद बोलते समय काफी मशक्कत नहीं करनी पड़ती और वे आसानी से अभ्यास भी कर पाते हैं । इसके साथ ही संवाद लिखने से ठीक पहले, संवाद बोलने वाले किरदार का नाम जरूर लिखना चाहिए ।

    4. समाज के वास्तविक किरदारों को रखें

    अगर आप Science Fiction नहीं लिख रहे हैं तो जरूरी है कि आपके किरदार सामाजिक परिस्थितियों से संबंधित हों । दर्शक या पाठक उन्हीं किरदारों से जुड़ाव महसूस कर पाते हैं जो सामाजिक परिस्थितियों से मेल खाते हों । किरदार आपको समाज के बीच से ही निकलना है, ऐसे किरदार जो गली नुक्कड़ पर चाय पीते मिल जाते हैं या नौकरी के लिए भागम भाग करते हुए ।

    क्या आपने कभी Forrest Gump फिल्म देखी है ? फिल्म का किरदार अपने जीवन में कई मुश्किलें झेलता है, विभिन्न घटना चक्रों में खुद को फंसा पाता है, उपहास का पात्र बनता है आदि । जब भी Greatest Movie Ever Made की बात होती है तो Forrest Gump का नाम अवश्य लिया जाता है । ऐसा इसलिए क्योंकि इसका किरदार हमारी तरह है, वह Imperfect है ।

    5. संवाद चरित्र चित्रण करते हों

    आप किस प्रकार से दूसरों से संवाद करते हैं, यह आपके चरित्र को दर्शाता है । यही नियम फिल्मों, नाटक या कहानियों के लिए Dialogue लिखते समय भी आपको ध्यान रखना चाहिए । संवाद ऐसे होने चाहिए जो व्यक्ति का चरित्र चित्रण करते हों, उसकी सोच समझ की जानकारी देते हों । किसी गरीब व्यक्ति के किरदार को ऐशो आराम और महंगी वस्तुओं के सुख के बारे में बोलते सुनना/पढ़ना अवश्य ही अटपटा लगेगा ।

    संवाद के माध्यम से, लेखक अपने पात्रों के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को प्रकट करते हैं । उदाहरण के तौर पर आप पुष्पा फिल्म के कुछ संवादों को नीचे पढ़ सकते हैं जो किरदार के Violent और Dashing Character को दर्शकों के समाने रखता है ।

    1. “आप एक बार में एक गोली मारेंगे, मै एक बार में 60 कुल्हाड़ियाँ मारूँगा ।”

    2. “मैं इधर किसी के फटे में टांग अड़ाने को नही आया, राज करने के लिए आया मैं ।”

    3. “इस दुनिया ने आपके हाथ में पिस्तौल दिया और मेरे हाथ में कुल्हाड़ी, हम सब अपनी लड़ाई लड़ रहे है ।”

    6. व्याकरण और भाषा का ज्ञान जरूरी

    एक Screenwriter को भाषा के साथ साथ व्याकरण का पूरा ज्ञान होना चाहिए । अगर आप Dialogue Writing के क्षेत्र में कदम रखने जा रहे हैं तो जरूरी है कि सबसे पहले भाषा का सम्पूर्ण ज्ञान अर्जित कर लें । इससे आपको संवाद लेखन में आसानी होगी और आप बिना किसी त्रुटी को संवादों को सही सही लिख पाएंगे ।

    व्याकरण और भाषा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें जिन्हें आपको Dialogue लिखते समय ध्यान में रखना चाहिए:

    • संवाद की प्रत्येक नई पंक्ति को एक नए अनुच्छेद की आवश्यकता होती है ।
    • Quotation Marks का इस्तेमाल करना न भूलें ( “–––”)
    • विस्मयादिबोधक बिंदु का प्रयोग संयम से करें ( ! )
    • भावनाओं और विभिन क्रियाओं के लिए कोष्ठक का प्रयोग करें

    Examples of Dialogue Writing

    नीचे कुछ बेहतरीन फिल्मों के डायलॉग दिए गए हैं जिन्हें पढ़कर आप ज्यादा बेहतर ढंग से Dialogue लिख पाएंगे । अगर आप हिंदी फिल्मों के कुछ बेहतरीन यादगार हिंदी डायलॉग पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिया आर्टिकल जरूर पढ़ें ।

    • Best Hindi Dialogues
    1. सचिव जी: (चिल्लाते हुए) मिस्त्री कहां है ?...और ये इंडिकेटर कैसे टूट गया, हैं ? 
    
    विकास: (सहमे हुए) सर पहले क्या बताएं ? मिस्त्री कहां है कि इंडिकेटर कैसे टूट गया ? 
    
    – पंचायत वेब सीरीज
    2. सचिव जी: ये सब नाचना वाचना छोड़ क्यों नहीं देतीं ? 
    
    नचनिया: आप क्या करते हैं ?
    
    सचिव जी: मैं...पास में ही एक गांव है फुलेरा, उधर पंचायत सचिव हूं । 
    
    नचनिया: आपको पसंद है आपका काम ? 
    
    सचिव जी: नहीं पसंद है! इसलिए एमबीए की तैयारी भी कर रहा हूं, साथ में ।
    
    नचनिया: मतलब आप भी एक तरह से नाच ही रहे हैं ।... हर कोई कहीं न कहीं नाच ही रहा है सचिव जी । 
    
    – पंचायत 2 वेब सीरीज 
    3. जहांगीर: कायरा, क्या तुमने कभी कुर्सी खरीदी है ?
    
    कायरा: व्हाट ?
    
    जहांगीर: चेयर.. कुर्सी खरीदी है ?
    
    कायरा: हां 
    
    जहांगीर: पर क्या तुमने दुकान में जाते ही पहली कुर्सी पसंद की और खरीद ली ? 
    
    कायरा: नहीं ।
    
    जहांगीर: एक्जेक्टली, माय प्वाइंट । एक कुर्सी खरीदने से पहले हम कितनी सारी कुर्सियां देखते हैं.. कितनी सारी कुर्सियां ट्राई करते हैं । एंड या, सब कुर्सिस आर कंफर्टेबल बट लुक लाइक शीट । अदर्स लुक्स नाइस बट बट आर हार्ड ऑन द बम्प । 
    
    सो द प्रोसेस स्टार्ट्स । कुर्सी आफ्टर कुर्सी आफ्टर कुर्सी । हाउ मेनी कुर्सीस डू वी चेक आउट बिफोर वे फाइंड आउट दैट वन कुर्सी ? 
    
    सो माय प्वाइंट बीइंग, एक कुर्सी चूज से पहले हम इतनी सारी कुर्सियां देखते हैं तो एक लाइफ पार्टनर चूज करने के लिए हमें ऑप्शंस नहीं देखने चाहिए क्या ? 
    
    – डियर जिंदगी! फिल्म

    Best Dialogue Movies

    देश दुनिया में एक से बढ़कर एक बेहतरीन फिल्में बनाई जाती हैं । ज्यादातर फिल्मों को उनके दमदार डायलॉग और कहानी की वजह से पसंद किया जाता है । बॉलीवुड इंडस्ट्री की कई ऐसी फिल्में हैं जिनमें दमदार डायलॉग ने लोगों का दिल जीता है । चलिए एक नजर उन Best Dialogue Movies पर डालते हैं ।

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    1. Anand

    भारतीय सिनेमा के दो महान सुपरस्टार – राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन ने भारतीय फिल्म आनंद में काम किया है । फिल्म के Dialogue काफी emotional और heart touching हैं । फिल्म का मशहूर डायलॉग:

    “ बाबुमोशाय, जिंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ है…उसे ना तो आप बदल सकते हैं ना मैं…हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं जिनकी डोर ऊपर वाले की उंगलियों में बंधी है ।”

    2. Taare Zameen Par

    आमिर खान की फिल्म तारे जमीं पर बॉलीवुड इंडस्ट्री की अबतक कि सबसे उम्दा फिल्मों में से एक है । तारे ज़मीन पर के संवाद दमदार हैं और मासूम बच्चों पर हमारे समाज और शैक्षणिक व्यवस्था के अनुचित दबाव के बारे में बात करते हैं । फिल्म का एक दिल छू लेने वाला Dilaogue:

    “बाहर एक बेरहम कॉम्पेटिटिव दुनिया बसी है… और इस दुनिया में सभी को अपने अपने घरों में टॉपर्स और रैंकर्स उगाने हैं ।”

    3. Masaan

    मसान फिल्म एक जातिवादी समाज के मुद्दों से संबंधित है और एक निचली जाति के लड़के और एक उच्च जाति की लड़की के बीच की दुखद प्रेम कहानी को दर्शाती है । इसके अलावा शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने से जुड़ा धब्बे पर भी कहानी काफी खूबसूरत संदेश देती है ।

    “देवी जी आपको पता है कि यहां अट्ठाइस ट्रेनें रुकती हैं! और कितनी नहीं रुकती… 64! मतलब, यहां आना आसान है, यहां से जाना मुश्किल!”

    Conclusion

    अगर आप एक Dialogue Writer बनना चाहते हैं तो आवश्यक है कि आप फिल्मों के डायलॉग को बारीकी से परखें । ध्यान दें कि उन्हें रोचक कैसी बनाया गया है या कैसे ज्यादा रोचक बनाया जा सकता था । आपको ज्यादा से ज्यादा फिल्में देखने की जरूरत होगी ताकि आप संवादों के विभिन्न प्रकार को समझ सकें ।

    ऊपर दी गई तीन फिल्मों के अलावा अन्य ढेरों फिल्में हैं जिन्हें आप देखकर काफी कुछ सिख सकते हैं । आपको हर Genre की फिल्म देखनी चाहिए ताकि आप Romantic Dialogue से लेकर Comedy Dialogue तक, सब कुछ लिखने में महारत हासिल कर सकें ।


    हमें उम्मीद है कि आपको ऊपर दी गई जानकारी पसंद आई होगी । अगर आपके मन में आर्टिकल से सम्बन्धित कोई भी प्रश्न है या आप अपनी राय/विचार व्यक्त करना चाहते हैं तो कॉमेंट बॉक्स में आपका स्वागत है । आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे शेयर अवश्य करें ।

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    John
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