जब भी कोई फिल्म रिलीज होती है तो उसके साथ ही रिलीज होने लगती हैं Box Office Collection की रिपोर्ट । टेलीविजन न्यूज से लेकर ट्विटर तक पर फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की चर्चाएं चलती हैं और इसकी ही मदद से तय किया जाता है कि फिल्म हिट हुई या फ्लॉप । लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि बॉक्स ऑफिस कलेक्शन क्या होता है ?
इसके साथ ही इस रिपोर्ट के आधार पर फिल्म फ्लॉप या हिट कैसे होती है ? Box Office Collection की गणना कैसे की जाती है ? हालिया रिलीज हुई फिल्मों की बॉक्स ऑफिस कलेक्शन क्या है ? इन सभी प्रश्नों का जवाब हम आपको एक एक करके देंगे । इसके साथ ही अन्य कई रोचक प्रश्नों का जवाब भी आपको दिया जायेगा ।
Box Office नाम कैसे पड़ा ?
सबसे पहले आप सोचते होंगे कि भला ये कैसा नाम हुआ Box Office । जब यह फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी कमाई की रिपोर्ट जारी करता है तो फिर इसका नाम बॉक्स ऑफिस क्यों है ? इसका नाम आखिर यह क्यों और कैसे पड़ा ? इसके पीछे की रोचक कहानी कुछ इस से है ।
तो बात है अलिज़बेटन युग की यानि 17 नवंबर 1558 से लेकर 24 खर्च 1603 तक का समय । इस दौरान इंग्लैंड में जो धनी लोग होते थे वे थिएटर देखने के लिए एक निजी बॉक्स यानि डिब्बे में बैठते थे । इन डिब्बों यानि बॉक्स की टिकट जिस स्थान से मिलती थी उसे ऑफिस कहा जाता था । तो इस तरह Box Office नाम पड़ गया ।
Box Office Collection क्या है ?
वर्ष 1558 से लेकर वर्ष 1603 के बीच इंग्लैंड के धनी लोग Box यानि डिब्बों में बैठकर थिएटर देखा करते थे जिसका टिकट उन्हें एक ऑफिस से लेना होता था जिसे बॉक्स ऑफिस कहा जाने लगा । यह टर्म सदियों से इस्तेमाल किया जाने लगा और अब जब टिकटों के माध्यम से फिल्मों की कमाई होती है तो उन्हें बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कहा जाता है ।
तो इस तरह आप समझ गया होंगे कि आखिर जब फिल्मों की कमाई की रिपोर्ट दर्शानी होती है तो Box Office Collection टर्म का इस्तेमाल क्यों किया जाता है । एक फिल्म की कमाई कई माध्यमों से होती है लेकिन बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के अंदर उन्हीं कमाई के आंकड़े होते हैं जो फिल्म की टिकट बेचकर अर्जित किए गए होते हैं ।
यहां एक बात ध्यान देने वाली है कि फिल्म की Box Office Earnings को आप फिल्म हिट या फ्लॉप होने से नहीं जोड़ सकते । क्योंकि हमने पहले ही आपको बताया कि एक फिल्म की कमाई के कई जरिए होते हैं जैसे ओटीटी प्लेटफार्म्स को स्ट्रीमिंग राइट्स देकर, गानों के स्ट्रीमिंग राइट बेचकर आदि । लेकिन बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के रिपोर्ट को देखकर फिल्म के हिट या फ्लॉप होने का अंदाजा काफी हद तक लगाया जा सकता है ।
Box Office Collection के अहम किरदार
Box Office Collection की रिपोर्टिंग का एकमात्र जरिया है Ticket की बिक्री । फिल्म के टिकट जिस मात्रा और कीमत पर बेचे गए हैं, उसी हिसाब से फिल्म के कुल कलेक्शन का पता लगाया जाता है । अब अगर हम बॉलीवुड के कुल आय पर गौर करें तो यह Rs. 13,800 करोड़ है यानि बॉलीवुड दुनिया की सबसे अमीर और सफल फिल्म इंडस्ट्री में से एक है ।
यानि बॉलीवुड फिल्में काफी रुपए कमा रही हैं । लेकिन इन रुपयों की गणना कैसे की जाती है ? चलिए आसान तरीके से समझते हैं । इसे समझने के लिए आपको सबसे पहले तीन महत्वपूर्ण टर्म्स का ख्याल रखना होगा ।
1. Producer
किसी भी फिल्म में लगने वाले कुल खर्चे का जिम्मेदार होता है Producer । एक प्रोड्यूसर फिल्म के बनने से भी पहले और बनने के बाद तक के सभी खर्चों को उठाता है । एक प्रोड्यूसर किसी फिल्म में जितने भी रूपया निवेश करता है उसे हम बजट के नाम से जानते हैं । उदाहरण के तौर पर हाल ही में रिलीज हुई फिल्म का कुल बजट 38 करोड़ रुपए था यानि इतने रुपए प्रोड्यूसर द्वारा फिल्म को बनाने में खर्च हुए ।
2. Distributor
दूसरे स्थान पर है Distributor । डिस्ट्रीब्यूटर का काम फिल्मों को थिएटर तक भेजना होता है यानि यह थिएटर मालिक और प्रोड्यूसर के बीच में सेतु का काम करता है । एक डिस्ट्रीब्यूटर सबसे पहले प्रोड्यूसर से फिल्म के Theatrical Rights को खरीद लेता है । यह राइट उसे अधिकार देता है कि वह फिल्म को किसी भी थिएटर में चलवा सकता है ।
All India Distributors या किसी अन्य पार्टी को सबसे पहले एक प्रोड्यूसर फिल्म के थिएट्रिकल अधिकार को बेच देता है । यानि प्रोड्यूसर नहीं बल्कि डिस्ट्रीब्यूटर को ही फायदा या घाटा होता है । प्रोड्यूसर हमेशा कोशिश करेगा कि अपनी फिल्म के थिएट्रिकल राइट्स को कुल निवेश किए गए धन से ज्यादा रुपए में बेचे ।
अब डिस्ट्रीब्यूटर को अपना फायदा निकालने के लिए देशभर में फैले थिएटर मालिकों से संपर्क करना होता है । इसके बाद उनके थिएटर में फिल्म को चलाने का एग्रीमेंट करना होता है । एग्रीमेंट में भी दो बातें सामने निकल कर आती हैं:
- Single Screen
- Multiplex Chain
3. Entertainment Tax
अंत में आता है Entertainment Tax जो लगभग 30% का होता है । ध्यान दें कि यह टैक्स फिल्म के कुल कलेक्शन में से काट लिया जाता है । 30% एंटरटेनमेंट टैक्स एक सामान्य टैक्स है लेकिन अलग अलग राज्य सरकारें अपने अपने हिसाब से इसे वसूलती हैं ।
टैक्स कटने के पश्चात बाकी बचे रुपए पहले से तय एग्रीमेंट के मुताबिक डिस्ट्रीब्यूटर को वापस लौटा दिए जाते हैं । अब आप समझ चुके हैं कि एक फिल्म बनने से लेकर रिलीज होने तक कौन कौन बिचौलिया के तौर पर काम करता है ।
Box Office Collection कैसे कैलकुलेट किया जाता है ?
तो अबतक आप एक बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के प्रमुख किरदारों के बारे में समझ चुके हैं । इसमें प्रोड्यूसर, डिस्ट्रीब्यूटर, थिएटर मालिक और अंत में एंटरटेनमेंट टैक्स आता है । अब चलिए एक उदाहरण की मदद से समझते हैं कि Box Office Collection कैसे कैलकुलेट करें ।
तो सबसे पहले एक Basic Rule समझ लीजिए, डिस्ट्रीब्यूटर को थिएटर ऑनर से साप्ताहिक रूप में पैसे मिलते हैं । अगर फिल्म मल्टीप्लेक्स में रिलीज की जा रही है तो उसके पहले हफ्ते की कमाई का 50%, दूसरे हफ्ते का 42%, तीसरे सप्ताह का 37% और चौथे सप्ताह का 30% ही फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर को दिया जाता है । बाकी पैसे थिएटर ऑनर ही रख लेता है एंटरटेनमेंट टैक्स काटकर ।
तो मान लीजिए कि किसी मल्टीप्लेक्स में लगी फिल्म को देखने का टिकट मूल्य 100 रुपए है । पहले सप्ताह में फिल्म के कुल 50 शो चले और 80 लोग फिल्म को देखने आए । तो इस हिसाब से पूरे सप्ताह का अगर हम Revenue Collection निकालें तो यह होगा 100×50×80 = 4,00,000 । अब अगर इसमें हम 30% Entertainment Tax लगा दें तो कुल होता है 1,20,00 रुपए ।
अब अगर कुल रेवेन्यू में से एंटरटेनमेंट टैक्स घटा दें तो थिएटर ऑनर के पास बचते हैं 2,80,000 रुपए । अब पहले से तय नियम के हिसाब से डिस्ट्रीब्यूटर को थिएटर मालिक की तरफ से 50% मिलेंगे यानि 1,40,000 रुपए । इसी तरह हर सप्ताह के हिसाब से हुए कुल रेवेन्यू में एंटरटेनमेंट टैक्स घटाकर पहले से तय प्रतिशत के हिसाब से डिस्ट्रीब्यूटर को रुपए वापस दिए जायेंगे ।
अब अगर हम Gross Box Office Collection की बात करें तो यह होता है फिल्म टिकट बेचकर प्राप्त कुल आय । तो वहीं अगर Net Box Office Collection की बात करें तो यह होता है कुल रेवेन्यू में से एंटरटेनमेंट टैक्स और सर्विस टैक्स काटकर । इस तरह आप समझ गए होंगे कि बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कैसे कैलकुलेट होता है ।
फिल्म Hit या Flop कैसे होती है ?
अब आता है प्रश्न कि कोई फिल्म Hit या Flop कैसे होती है । इसका गणित काफी लोचा है और अक्सर फिल्म मेकर्स फिल्म के फ्लॉप या हिट होने को लेकर भ्रामक आंकड़े भी देते हैं । इसका उदाहरण आप हाल ही में रिलीज हुई एक बड़ी बॉलीवुड फिल्म का ले सकते हैं । भ्रामक Box Office Collection Data इसलिए फैलाए जाते हैं ताकि फिल्म की चर्चा चलती रहे ।
- Movie Review कैसे करें ?
- Best OTT Platforms in Hindi
- Best Christopher Nolan Movies in Hindi
- Best Netflix Web Series in Hindi List
- Life of Pi Review in Hindi
- Acting क्या है ?
- Parasite Movie Review in Hindi
तो कुल मिलाकर अगर फिल्म अपने बजट से कुछ कम कमाई करे तो यह फ्लॉप कहलाती है । अगर फिल्म अपने बजट से काफी कम रुपए कमाती है तो फिल्म सुपर फ्लॉप कहलाती है । इसके ठीक उलट अगर फिल्म अपने बजट से थोड़ा बहुत प्रॉफिट ज्यादा कमाती है तो फिल्म हिट कहलाती है । लेकिन वहीं फिल्म अपने बजट से 100% से 150% ज्यादा की कमाई करे तो वह सुपरहिट कहलाती है ।
फिर आती हैं वे फिल्में जो अपने बजट से दोगुना की कमाई करती हैं, ऐसी फिल्मों को ब्लॉकबस्टर फिल्मों का तमगा दिया जाता है । तो आसान भाषा में समझ लीजिए कि इसी तरह फिल्म को हिट या फ्लॉप माना जाता है । यह काफी आसान गणित है ।
Conclusion
Box Office Collection किसी भी फिल्म के हिट या फ्लॉप होने की जानकारी देती है । एक फिल्म सिर्फ और सिर्फ टिकट बेचकर ही कमाई नहीं करती है बल्कि अन्य कई राइट्स भी बेचे जाते हैं । लेकिन बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की मदद से फिल्म के हिट या फ्लॉप के बारे में अच्छा खासा जानकारी हो जाता है ।
उम्मीद है कि आप समझ चुके होंगे कि बॉक्स ऑफिस कलेक्शन क्या है, इसका नाम कैसे पड़ा, इसे कैसे कैलकुलेट किया जाता है आदि । अगर इस विषय से सम्बन्धित अन्य प्रश्न अगर आपके मन में है तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं । साथ ही आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें ।