आप अक्सर टेलीविजन या सोशल मीडिया पर Cannes Film Festival की खबरें सुनते आए होंगे । फ्रांस में आयोजित होने वाले इस फेस्टिवल के प्रति लोगों की रुचि पूरी दुनिया में दिखाई पड़ती है । वर्ष 2022 में आयोजित इस फेस्टिवल में भारत को Country of Honor का इन्विटेशन आया था । बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री से दीपिका पादुकोण ने भी कांस में शिरकत की थी ।
लेकिन आखिर Cannes Film Festival है क्या ? इसे फ्रांस में कब और क्यों आयोजित किया जाता है ? क्या भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के सितारों को भी बुलावा भेजा जाता है ? भारत की किन फिल्मों को कांस फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीन किया गया है ? इन सभी प्रश्नों का उत्तर हम एक एक करके जानेंगे । तो चलिए शुरू से शुरुआत करते हैं ।
What is Cannes Film Festival
Cannes Film Festival हर वर्ष आयोजित होने वाला एक फिल्म फेस्टिवल है । यह फिल्म फेस्टिवल हर साल फ्रांस के कांस शहर में मनाया जाता है । डॉक्यूमेंट्री सहित अन्य कई शैलियों में बनी चुनिंदा फिल्मों को यहां पुरस्कृत किया जाता है । इस फिल्म फेस्टिवल में वही शामिल हो सकते हैं जिन्हें न्यौता भेजा जाता है ।
वर्ष 2022 में इस फेस्टिवल की शुरुआत 17 मई से हुई थी और यह 28 मई तक चला । खास बात यह है कि इस बार के कांस फिल्म फेस्टिवल में भारत को खासतौर पर न्यौता भेजा गया था । भारत को कन्ट्री ऑफ ऑनर का न्यौता भेजा गया था जिस वजह से भारत को ध्यान में रखकर ही फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई थी । कई भारतीय लोकगीत भी इस फिल्मी त्योहार में बजाए गए ।
Cannes Film Festival 2022
Cannes Film Festival 2022 की शुरुआत 17 मई से हुई और यह पूरे 11 दिन तक चला । कांस, फ्रांस में आयोजित इस फिल्म फेस्टिवल में दुनियाभर से बहुचर्चित लोग शामिल हुए और कई विश्वप्रसिद्ध फिल्मों को पुरस्कृत और प्रदर्शित किया गया । कांस फिल्म फेस्टिवल में इस बार भारत को भी Country of Honor के तौर पर न्यौता भेजा गया था ।
कंट्री ऑफ ऑनर होने की वजह से भारत को Goes to Cannes Section के लिए कुल 5 भारतीय फिल्मों को पिच करने का मौका दिया गया । ये फिल्में हैं:
- बागजान
- बैलाडीला
- एक जगह अपनी
- अनुयायी
- जय शंकर
माना जा रहा है कि कांस फिल्म फेस्टिवल में भारत को न्यौता भेजना और Country of Honour का सम्मान देना भारत और फ्रांस के रिश्ते को और मजबूत करने की पहल है । हालांकि राजनीति को दूर से ही सलाम करते हुए यह कहा जा सकता है कि भारत की फिल्में भी विश्वस्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं । यह भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए शुभ संकेत है ।
दीपिका पादुकोण इस फिल्म फेस्टिवल में जूरी मेंबर के तौर पर पहुंची थी । इनसे पहले सोनम कपूर, ऐश्वर्या राय, हीना खान भी इस फिल्म फेस्टिवल में भारत को रिप्रेजेंट कर चुके हैं । वर्ष 2022 Cannes Film Festival में अक्षय कुमार को भी शिरकत करने का न्यौता मिला था लेकिन कोरोनावायरस से दोबारा पीड़ित होने की वजह से वे शामिल न हो सके ।
Indian Movies in Cannes Film Festival
भारतीय फिल्मों को वर्ष 1953 से ही Cannes Film Festival में सम्मान प्राप्त होता रहा है । वर्ष 1953 में जब भारत नया नया आजाद हुआ था और फिल्म इंडस्ट्री के पास भरपूर संसाधन मौजूद नहीं थे तब भी उच्च गुणवत्ता की फिल्में बनाई जा रही थीं । चलिए एक नजर उन फिल्मों पर डालते हैं जिन्हें कांस फिल्म फेस्टिवल में अबतक पुरस्कृत किया गया है ।
1. Do Bigha Zameen (1953)
वर्ष 1953 में रिलीज हुई फिल्म Do Bigha Zameen को न सिर्फ भारतीय दर्शकों का प्यार मिला बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसे सराहना मिली । आज भी जब भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की सबसे बेहतरीन फिल्मों की बात की जाती है तो उनमें दो बीघा जमीन फिल्म का नाम अवश्य आता है । इस फिल्म को वर्ष 1954 के Cannes Film Festival में पुरस्कृत किया गया था ।
फिल्म शंभू नाम के एक गरीब किसान की कहानी है जो जमींदार को लिया लोन चुका नहीं पाता है । इसकी वजह से जमींदार शंभू को धमकी देता है कि वह उसकी जमीन छीन लेगा । जमीन को बचाने और जमींदार का कर्ज उतारने के लिए शंभू कोलकाता में एक रिक्शा चालक का काम करने लगता है । फिल्म आप Jio Cinema पर मुफ्त में देख सकते हैं ।
2. Boot Polish (1954)
कांस फिल्म फेस्टिवल 1955 में फिल्म बूट पॉलिश को Special Honour दिया गया था । फिल्म में दो गरीब भाइयों के जीवन को बड़े ही मार्मिक तरीके से दर्शाया गया है जिसे देखकर आपकी आंखें अवश्य नम हो जायेंगी । यह फिल्म भिक्षावृत्ति के संवेदनशील और गंभीर पक्ष को दर्शकों के सामने रखती है ।
Jio Cinema पर मुफ्त में देखने के लिए मौजूद इस फिल्म दो अनाथ भाइयों की है । परिस्थितियां और उनके अन्य परिजन उन्हें भीख मांगने के लिए मजबूर करते हैं लेकिन वे जूता पॉलिश करने का काम शुरू करते हैं । लेकिन परेशानियां अभी यही नहीं रुकीं, परिस्थितियों से विवश होकर उन्हें एक दूसरे से दूर भी जाना पड़ता है ।
3. Pather Panchali (1955)
देश दुनिया में कुछ ही फिल्म डायरेक्टर ने नाम कमाया और उन चुनिंदा लोगों में से एक हैं सत्यजीत राय । सत्यजीत राय के निर्देशन में बनी फिल्म पाथेर पांचाली अबतक की सबसे बेहतरीन क्लासिक फिल्मों में से एक है । फिल्म के किरदार अपु और दुर्गा ने फिल्म में काफी अच्छी Acting की है तो वहीं सत्यजीत राय के निर्देशन में Cinematography लाजवाब है ।
वर्ष 1956 में आयोजित Cannes Film Festival में फिल्म को Best Human Documentary का खिताब दिया गया । यह फिल्म MX Player पर बिल्कुल मुफ्त में देखने के लिए मौजूद है । फिल्म को सबसे पहले बंगाली भाषा में रिलीज किया गया था ।
4. The Lunchbox
फिल्म The Lunchbox को वर्ष 2013 में आयोजित कांस फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीन किया गया था । इरफान खान की अबतक की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से है द लंचबॉक्स । Netflix पर मौजूद इस फिल्म में मुख्य किरदार हैं इला और साजन । कहानी में मोड़ तब आता है जब अपने पति के लिए इला खाना बनाती है लेकिन गलती से टिफिन साजन फर्नांडेज के यहां पहुंच जाता है ।
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एक समय पश्चात दोनों को इसके बारे में पता भी चल जाता है लेकिन इला टिफिन भेजना बंद नहीं करती है । बल्कि दोनों के बीच एक प्यारी सी दोस्ती की शुरुआत हो जाती है । फिल्म का अंत काफी मार्मिक है और आपको काफी कुछ सोचने पर मजबूर कर देगा ।
5. A Night of Knowing Nothing
Cannes Film Festival में सिर्फ और सिर्फ फिल्मों को ही नहीं बल्कि डॉक्यूमेंट्री को भी स्थान दिया जाता है । A Night of Knowing Nothing एक डॉक्यूमेंट्री है जिसे वर्ष 2021 के इस फिल्म फेस्टिवल में Golden Award मिला था । इस फिल्म का निर्देशन Payal Kapadia ने किया है । इन्होंने अन्य कई खूबसूरत डॉक्यूमेंट्री फिल्मों पर काम किया है ।
A Night of Knowing Nothing एक यूनिवर्सिटी छात्रा की है जो अपने पुराने प्रेमी को चिट्ठियां लिखती है । ये चिट्ठियां उसके जीवन और उसके इर्द गिर्द घट रही भयावह घटनाओं का जिक्र करती हैं और दर्शकों को छात्रा के भयवाह जीवन के बारे में पता चलता है ।
Conclusion
Cannes Film Festival का पहला शब्द कांस, फ्रांस के शहर कांस से लिया गया है जहां यह फेस्टिवल आयोजित किया जाता है । वर्ष 2022 में भी इस फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया था जिसमें भारत को Country of Honor के तौर पर आमंत्रित भी किया गया था । इस वर्ष दीपिका पादुकोण ने फिल्म फेस्टिवल में भारत का प्रतिनिधित्व किया था ।
उम्मीद है कि भविष्य में ज्यादा से ज्यादा भारतीय फिल्मों और डॉक्यूमेंट्री को इस फिल्म फेस्टिवल में उचित सम्मान दिया जायेगा । आपके हिसाब से कांस फिल्म फेस्टिवल में अन्य किन भारतीय फिल्मों को यथोचित सम्मान मिलना चाहिए और क्यों ? कॉमेंट करके जरूर बताएं ।
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