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    Home»Knowledge bank»How To Write Movie Review in Hindi – फिल्म समीक्षा कैसे करें
    How to write movie review in Hindi

    How To Write Movie Review in Hindi – फिल्म समीक्षा कैसे करें

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    By John on June 27, 2022 Knowledge bank

    वर्तमान समय में लोग कोई भी फिल्म देखने से पहले उसकी समीक्षा पढ़ना जरूरी समझते हैं । कोई भी नहीं चाहता है कि वे ऐसी फिल्म देखने जाएं जो फिल्म कहलाने लायक भी न हो और उनके पैसे व समय दोनों बर्बाद हो । वर्तमान समय में फिल्म समीक्षाएं किसी भी फिल्म को Flop या Hit करने की क्षमता भी रखती हैं । इसलिए इस लेख में हम Movie Review विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे ।

    अगर आप एक फिल्म समीक्षक बनना चाहते हैं या फिल्म समीक्षा सीखना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित होगा । लेख में हम निम्नलिखित बिंदुओं पर आपको जानकारी देंगे:

    • Movie Review क्या है ?
    • फिल्म समीक्षा का उद्देश्य
    • मूवी रिव्यू कैसे लिखें ?
    • फिल्म समीक्षा के उदाहरण
    • दुनियाभर के सबसे बेहतरीन फिल्म समीक्षक
    • फिल्म समीक्षा कैसे सीखें ?

    इसके साथ ही फिल्म समीक्षा से जुड़े अन्य पहलुओं पर भी आपको जानकारी दी जायेगी । आर्टिकल के अंत में आपको उन प्लेटफार्म्स की जानकारी दी जायेगी जहां से आप बिल्कुल मुफ्त में इसे सिख सकते हैं । इस फील्ड में आप रुपए कैसे कमा सकते हैं और सैलरी कितनी मिलती है आदि जानकारियां पढ़ने के लिए आर्टिकल के अंत तक बने रहें ।

    Movie Review क्या है ?

    Movie Review को हिंदी में फिल्म समीक्षा कहते हैं जो दर्शकों द्वारा किसी फिल्म को देखने या न देखने के निर्णय में मदद करता है । विभिन्न पहलुओं जैसे Cinematography, Plot, Acting, Theme, Sound आदि मापदंडों पर फिल्म का आंकलन करना ही फिल्म समीक्षा कहलाता है ।

    उदाहरण के तौर पर हाल ही में आई फिल्म Anek जिसमें आयुष्मान खुर्राना ने लीड रोल निभाया है, की कई लोगों ने समीक्षा की है । इस फिल्म को अलग अलग मापदंडों पर तौला गया और उसके हिसाब से रेटिंग दी गई थी । Zee News की तरफ से फिल्म को 3/5 तो वहीं Times of India की तरफ से 4/5 की रेटिंग मिली है ।

    ठीक इसी प्रकार से लगभग सभी फिल्मों की समीक्षा की जाती है और उन्हें रेटिंग प्रदान की जाती है । कायदे से देखा जाए तो Movie Review मुख्य रूप से Film Critics द्वारा ही की जानी चाहिए । जिन्होंने फिल्म समीक्षा पर कोई कोर्स किया हो, फिल्म बनाने के विभिन्न तत्वों की जानकारी रखते हों, उन्हें ही फिल्म समीक्षा करनी चाहिए । लेकिन वर्तमान समय में फिल्म समीक्षा का स्वरूप काफी हद तक बदल गया है जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे ।

    Purpose of Movie Review

    Film Criticism का प्रथम उद्देश्य और मुख्य उद्देश्य ही दर्शकों को फिल्म के विभिन्न पहलुओं की जानकारी देना है और उन्हें फिल्म देखने या न देखने से संबंधित निर्णय लेने में मदद करना है । फिल्म समीक्षा किसी भी फिल्म के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को उजागर करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह फिल्म की बारीकियों पर सूक्ष्म दृष्टि भी डालता है ।

    बात करें Purpose of Movie Review की तो ये निम्नलिखित हैं:

    • दर्शकों को बेहतरीन फिल्म सुझाना
    • किसी फिल्म की नकारात्मक और सकारात्मक पहलुओं को उजागर करना
    • फिल्म की कहानी का निष्कर्ष बिना किसी Spoiler के देना
    • किसी फिल्म को देखें या न देखें, इस निर्णय को लेने में दर्शक की मदद करना
    • कलात्मक मूल्य और तकनीकी कौशल के संदर्भ में फिल्म का विश्लेषण करना

    इसके अलावा Movie Review किसी फिल्म में छुपे संदेश को दर्शकों तक पहुंचाता है । फिल्म की कई बारीकियां जिनपर आमतौर पर दर्शकों का ध्यान तक नहीं जाता है, उनपर दर्शकों का ध्यान केंद्रित कराना भी फिल्म समीक्षा का उद्देश्य है । इसकी मदद से अभिभावक यह भी सुनिश्चित कर पाते हैं कि उनके बच्चों को फिल्म देखनी चाहिए या नहीं । फिल्म समीक्षा का महत्व यह भी है कि यह आपके मूवी टिकट के पैसे बचाता है ।

    फिल्म समीक्षा हमेशा निष्पक्ष होती है और होनी भी चाहिए । सही मायनों में फिल्म समीक्षा उसी को कहेंगे जो निष्पक्ष होकर ईमानदारी से किसी फिल्म के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करता है और दर्शकों के सामने पेश करता है । आगे हम जानेंगे कि एक फिल्म समीक्षा के क्या गुण होने चाहिए ।

    Qualities of Movie Review

    Qualities of Movie Review यानि फिल्म समीक्षा के गुणों में सबसे पहले स्थान पर इसका निष्पक्ष होना है । एक फिल्म समीक्षा को हमेशा तठस्थ रहना चाहिए और ईमानदारी से विभिन्न तत्वों पर फिल्म का विश्लेषण करना चाहिए । चलिए संक्षेप में समझते हैं कि फिल्म समीक्षा के गुण कौन कौन से हैं::

    1. निष्पक्ष होना जरूरी है

    एक बेहतरीन Movie Review की पहली शर्त इसका निष्पक्ष होना है । एक फिल्म समीक्षक को किसी भी फिल्म की समीक्षा लिखते समय तठस्थ रहना चाहिए और वह किसी पूर्वाग्रहों से दूषित नहीं होना चाहिए । एक फिल्म बनाने, रिलीज करने और दर्शकों तक पहुंचाने में काफी मेहनत, पैसा और समय बर्बाद होता है ।

    ऐसे में जरूरी है कि एक फिल्म समीक्षक फिल्म बनाने में लगे मेहनत और पैसे का सम्मान करे और ईमानदारी दिखाए । वर्तमान समय में लिखी जा रही ज्यादातर समीक्षाएं पूर्वाग्रहों से दूषित होती हैं । रुपए देकर फिल्म की रेटिंग बढ़ाने का कार्य भी चोरी छिपे हो रहा है जो दर्शकों के फैसले को सीधे तौर पर प्रभावित करता है ।

    2. विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण

    एक अच्छी Movie Review में फिल्म के विभिन्न पहलुओं पर विश्लेषण का समावेश होना जरूरी है । एक फिल्म के विभिन्न पहलू होते हैं जैसे Cinematography, Lighting, Camers Movement, Acting, Direction, Editing, Music आदि । एक अच्छी फिल्म समीक्षा में इन सभी पहलुओं पर सूक्ष्म विश्लेषण मौजूद होना चाहिए ।

    YouTube पर कई ऐसे चैनल हैं जो फिल्म समीक्षा के नाम पर बस फिल्म की कहानी सुनाकर चले जाते हैं । Sensational Thumbnails लगाकर अच्छी खासी फिल्म को भी अपने so called movie review से फ्लॉप करवाने का गंदा खेल यूट्यूब पर धड़ल्ले से चल रहा है । वर्तमान समय के ज्यादातर film critic फिल्म समीक्षा के नाम पर फिल्म की कहानी बताकर चले जाते हैं जोकि गलत है ।

    3. सांस्कृतिक और सामाजिक प्रभाव का रेखांकन

    हर फिल्म का सांस्कृतिक और सामाजिक प्रभाव व संदेश जरूर होता है । इनका रेखांकन भी Movie Review में अवश्य होना चाहिए । इससे दर्शकों का भी फिल्म को देखने के प्रति उत्साह बढ़ जाता है । फिल्म के संदेश और प्रभाव को दर्शकों तक पहुंचाना फिल्म को सम्मान देने के बराबर है । उदाहरण के तौर पर आप Parasite Korean Movie की कितनी भी समीक्षाएं क्यों न पढ़ लें, उनमें फिल्म के प्रभाव और संदेश को रेखांकित किया गया है ।

    अगर आप फिल्म समीक्षाएं लिखें तो निश्चित करें कि फिल्म के प्रभाव और संदेश को जरूर अंकित करें । एक आम दर्शक किसी भी फिल्म के संदेश को ग्रहण नहीं कर पाता है लेकिन फिल्म समीक्षक अपनी पैनी नजर से फिल्म के संदेश को रेखांकित कर दर्शकों तक पहुंचा सकता है ।

    Elements of a Film Review

    Elements of a Film Review यानि एक फिल्म समीक्षा के तत्व निम्नलिखित हैं जिनपर संक्षेप में जानकारी दी गई है ।

    1. Cinematography

    Cinematography जिसे हिंदी में छायांकन भी कहते हैं, फिल्म निर्माण की एक प्रमुख कला है । कैमरा और लाइट की मदद से कहानी को कैद करना और उसे सही रूप में दर्शकों को प्रस्तुत करना ही सिनेमेटोग्राफी कहलाता है । इसके विभिन्न तत्व कुछ इस प्रकार हैं:

    • Exposure
    • Colour
    • Camera Angles
    • Camera Movement
    • Composition

    फिल्म समीक्षा लिखते समय फिल्म में सिनेमेटोग्राफी को अवश्य रेखांकित किया जाता है । किसी भी फिल्म समीक्षा का यह एक अहम तत्व है । इसके बारे में ज्यादा जानकारी पढ़ने के लिए आप नीचे दिए आर्टिकल पर जा सकते हैं ।

    • Cinematography क्या होता है ?

    2. Story

    एक फिल्म समीक्षा लिखते समय फिल्म की कहानी का मूल्यांकन जरूरी होता है । एक फिल्म समीक्षा का मुख्य उद्देश्य ही दर्शकों को फिल्म की कहानी का निष्कर्ष देना होता है Without SPOILERS! इसलिए Movie Review लिखते समय फिल्म के निष्कर्ष को अवश्य लिखें । ध्यान रखें कि आपको फिल्म के interesting scenes और surprising ending की जानकारी बिल्कुल नहीं देनी है ।

    क्या film maker कहानी के संदेश को दर्शकों तक पहुंचाने में सफल रहा ? क्या फिल्म कॉपी पेस्ट का नतीजा है ? क्या कहानी में दम है जो दर्शकों को बांधे रख सकती है ? फिल्म के plot में क्या खामियां और अच्छाइयां हैं ? क्या फिल्म का अंत उम्मीद के मुताबिक था ? इत्यादि ऐसे ही प्रश्नों का उत्तर देते हुए आप फिल्म समीक्षा लिख सकते हैं ।

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    3. Acting

    फिल्म की कहानी, सिनेमेटोग्राफी, म्यूजिक कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर एक्टिंग अच्छी नहीं है तो सब बर्बाद । आपने कई ऐसी फिल्में देखी होंगी जिनमें म्यूजिक, सिनेमेटोग्राफी, स्टोरी सब कुछ अच्छा है लेकिन एक्टिंग बेहद ही घटिया । फिल्म में अभिनय कर रहे सभी एक्टर्स/एक्ट्रेस realistic होने चाहिए, उनके अभिनय में दम होना चाहिए ।

    क्या फिल्म के अभिनेता/अभिनेत्री दिए गए किरदार को निभाने में कामयाब रहे ? क्या उनमें बेहतरीन अभिनय के गुण मौजूद हैं ? ऐसे ही प्रश्नों से फिल्म में एक्टिंग की समीक्षा की जाती है और उसे रेटिंग दी जाती है । क्या आपने पानीपत और बाजीराव मस्तानी फिल्म देखी है ? दोनों ही फिल्मों में मराठा योद्धाओं का चित्रण है ।

    पानीपत फिल्म में अर्जुन कपूर ने सदाशिव राव बाऊ का किरदार निभाया है लेकिन मराठा योद्धाओं का जोश, चेहरे का तेज और शौर्य उनके अभिनय से गायब है । वे हर सीन में एक जैसे ही नजर आते हैं लेकिन दूसरी तरफ बाजीराव मस्तानी फिल्म में रणबीर सिंह ने बाजीराव प्रथम के किरदार को निभाया है । उन्होंने भी एक मराठा योद्धा की ही भूमिका निभाई है लेकिन उनके चेहरे पर वह तेज दिखलाई पड़ता है, वे हर सीन में जान डाल देते हैं ।

    • Acting क्या है ?

    4. Direction

    Film Review का अगला महत्वपूर्ण तत्व निर्देशन यानि Direction है । फिल्म में छायांकन, डायलॉग, सीन, किरदार, म्यूजिक आदि की जिम्मेदारी एक निर्देशक की ही होती है । Film Making के सभी रचनात्मक पहलुओं पर ध्यान देना और उन्हें सही रूप में दर्शकों तक पेश करना एक निर्देशक का काम होता है । फिल्म हिट होगी या फ्लॉप, यही कई मायनों में एक डायरेक्टर पर ही निर्भर करता है ।

    क्या फिल्म की कहानी दर्शकों पर अपना प्रभाव छोड़ पाई ? क्या फिल्म का संदेश सफलतापूर्वक दर्शकों तक पहुंच पाया ? क्या फिल्म के किरदारों को निभाने के लिए सही अभिनेता/अभिनेत्री का चयन हुआ था ? क्या फिल्म के मूल समस्या को उचित निवारण फिल्म कर पाती है ? ऐसे ही कई प्रश्नों का उत्तर देते हुए फिल्म के डायरेक्शन तत्व की समीक्षा की जाती है ।

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    5. Music

    भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में गानों का बहुत महत्व रहा है । जब बात Movie Review की आती है, तब भी म्यूजिक के नजरिए से भी फिल्म को परखा जाता है । फिल्म के गाने क्या फिल्म के साथ न्याय कर पाते हैं ? क्या भावनाओं और परिस्थितियों का सही चित्रण गानों के माध्यम से किया गया है ? क्या फिल्म को लंबा खींचने के लिए गाने को जबरदस्ती ठूस दिया गया है ?

    ऐसे कई प्रश्नों का उत्तर तलाशते हुए म्यूजिक के नजरिए से फिल्म समीक्षा की जा सकती है । फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाने में साउंडट्रैक अहम भूमिका निभाते हैं और इसलिए फिल्म समीक्षा करते समय इनका भी ध्यान रखा जाता है । उदाहरण के तौर पर आप मांझी: द माउंटेन मैन फिल्म के गानों को ले सकते हैं जो फिल्म की परिस्थितियों का हुबहू चित्रण करते हैं ।

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    Film Criticism कैसे करें ?

    अगर अब आप Movie Review या Film Criticism के लिए तैयार हैं तो निम्नलिखित Steps जरूर ध्यान में रखें । इसे आप Movie Review Format भी कह सकते हैं जिसे ध्यान में रखकर आप एक अच्छी फिल्म समीक्षा लिखकर तैयार कर सकते हैं ।

    फिल्म समीक्षा लिखने से पहले जरूरी है कि आप सबसे पहले को फिल्म चुनें । इसके बाद उस फिल्म को कम से कम 2 बार देखें । पहली बार में आपको फिल्म की कहानी और इसके संदेश के बारे में जानकारी हो जायेगी तो वहीं दूसरी बार में आप इसकी बारीकियों और creative details पर ध्यान दे पाएंगे । फिल्म देखते समय एक पेन और पेपर साथ में रखें और जरूरी चीजों को लिखते चलें ।

    Film Criticism का यह अर्थ बिल्कुल भी नहीं है कि सिर्फ उसके नकारात्मक पहलुओं को लिखते जाएं । हर फिल्म के कुछ न कुछ सकारात्मक और नकारात्मक पहलू अवश्य होते हैं । जरूरी है कि आप दोनों पहलुओं को एक समान उजागर करें और निष्पक्ष रहें ।

    1. फिल्म परिचय के साथ शुरू करें

    Movie Review लिखते समय सबसे पहले फिल्म से जुड़ी बेसिक डिटेल्स लिखें । आपको फिल्म की जरूरी जानकारियां जैसे फिल्म रिलीज होने का समय, शामिल अभिनेता, कहानी का निष्कर्ष दे दें । इसके साथ ही पाठकों/दर्शकों को यह भी बताएं कि आप किस विषय पर अपनी समीक्षा पेश करेंगे ।

    Movie Summary लिखते समय कभी भी Spoilers न दें । फिल्म में स्पॉयलर का अर्थ होता है उन दर्शकों को ऐसी जानकारी दे देना जिससे कि उनके अंदर फिल्म देखने का जोश ही खत्म हो जाए । जिन्होंने फिल्म अभी तक नहीं देखी है, उनका जोश और मजा खराब करने वाली कोई भी जानकारी लिखने से बचें ।

    2. फिल्म के विभिन्न तत्वों की समीक्षा करें

    Movie Review में अगला कदम होगा फिल्म के विभिन्न तत्व जैसे direction, acting, plot, dialogues, cinematography पर ध्यान देते हुए विश्लेषण करना । यह आपकी समीक्षा का middle part होगा जिसे सबसे पहले कई भागों में बांट दें ताकि दर्शक/पाठक को समझने में आसानी रहे । इसके बाद आप फिल्म के हर पहलू को एक एक करके समीक्षा कर सकते हैं ।

    जब आप ऐसा कर रहे हों तो बीच बीच में उदाहरण भी देते चलें । जैसे कि ऐसा ही किरदार आपको अन्य किस फिल्म में देखने को मिला ? कहानी किस अन्य फिल्म से मैच करती है ? डायरेक्टर की अन्य फिल्में कौन कौन सी थी और क्या यह फिल्म कोई experiment है ? ऐसे ही प्रश्नों का उत्तर देते हुए उदाहरण देते चलें ।

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    3. अंत में फिल्म का सार लिखें

    अंत में आपको अपने Movie Review का Conclusion लिखना चाहिए । इसका शीर्षक हो सकता है फिल्म क्यों देखें/फिल्म क्यों न देखें ? आप फिल्म के बारे में क्या सोचते हैं और लोगों को क्यों फिल्म देखनी चाहिए या नहीं देखनी चाहिए, पर आपको अंत में अपनी राय देनी चाहिए । निष्कर्ष में आप फिल्म को ratings दें और साथ ही यह भी बताएं कि किस age group के लोगों के लिए यह फिल्म अच्छी है ।

    फिल्म समीक्षा के निष्कर्ष में आपको पूरी तरह से फिल्म को नकारने से बचना चाहिए । हालांकि आप फिल्म देखने से जुड़ी कुछ शर्तों को जरूर सामने रख सकते हैं ।

    Examples of Movie Review

    नीचे आपको कुछ Movie Review Examples दिए गए हैं जिन्हें पढ़कर आप फिल्म समीक्षा के बारे में अच्छे से जान सकते हैं । इसके अलावा नीचे दिए गए फिल्म समीक्षा के उदाहरणों से आपको समझ आ जायेगा कि इसे कैसे लिखें और इसका प्रारूप कैसा होना चाहिए ।

    • Don’t breathe Movie Review in Hindi
    • Andhadhun Movie Review in Hindi
    • Shutter Island Movie Review in Hindi

    OpCritic पर भी फिल्म समीक्षाएं प्रकाशित की जाती हैं और हमारी कोशिश हमेशा निष्पक्ष और तठस्थ फिल्म समीक्षा प्रकाशित करने की होती है । इसके अलावा हम जल्द ही user ratings system भी आपके लिए उपलब्ध कराएंगे ताकि आप भी अपनी सुझबुझ के हिसाब से फिल्म को रेटिंग दे सकें ।

    Top Movie Critics in India

    दुनियाभर में कई Movie Critics मौजूद हैं जो फिल्मों की समीक्षाएं करते हैं । देखा जाए तो ये फिल्म समीक्षक किसी फिल्म को Hit या Flop करवाने का दमखम भी रखते हैं । कुछ फिल्म समीक्षकों की जानकारी नीचे दी गई है, जिनके बारे में आप ज्यादा जानकारी इंटरनेट से ले सकते हैं ।

    • राजीव मसंद
    • तरण आदर्श
    • कोमल नहता
    • विजयकृष्णन
    • शुभ्र गुप्ता
    • अनुपमा चोपड़ा
    • भारती प्रधान

    Film Criticism कैसे सीखें ?

    अगर आप Film Criticism सीखना चाहते हैं और फिल्म समीक्षाएं लिखना शुरू करना चाहते हैं तो OpCritic की मदद ले सकते हैं । हमारी वेबसाइट पर Film Making और फिल्म से जुड़े creative details पर जानकारियां पब्लिश की जाती हैं । इसके साथ ही हम समय समय पर Movie Review भी पब्लिश करते रहते हैं जिन्हें पढ़कर आप काफी कुछ सिख सकते हैं ।

    इसके अलावा अगर आप चाहें तो Film Review Course भी कर सकते हैं । इसके लिए आप निम्नलिखित साइट्स पर जा सकते हैं:

    • The Film Experience
    • YouTube Movie Review Playlist
    • Keystone Academic Course
    • Coursera Film Making Course
    • Beginners Guide to Critiquing Films

    Conclusion

    फिल्म समीक्षा एक कला है जो दर्शकों को कोई फिल्म देखनी चाहिए या नहीं जैसे निर्णय लेने में मदद करता है । Movie Review की मदद से ही फिल्म की बारीकियों का विश्लेषण किया जाता है और रचनात्मक पहलुओं को उजागर किया जाता है । एक सच्ची फिल्म समीक्षा हमेशा निष्पक्ष और तठस्थ होनी चाहिए ।


    हमें उम्मीद है कि आपको ऊपर दी गई जानकारी पसंद आई होगी । अगर आपके मन में आर्टिकल से सम्बन्धित कोई भी प्रश्न है या आप अपनी राय/विचार व्यक्त करना चाहते हैं तो कॉमेंट बॉक्स में आपका स्वागत है । आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे शेयर अवश्य करें ।

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